साथ होने पर भी, फांसला होना ज़रूरी है !
दो लोगों में जन्नत- ऐ- हवा होना ज़रूरी है !!
मुहब्बत का मतलब नहीं है बाँध के रखना,
दो रूहों के समन्दर में किनारा होना ज़रूरी है !!
एक दुसरे से मिल कर खाओ ज़रूर प्यार में,
फिर भी सब का अलग निवाला होना ज़रूरी है !!
प्यार सिर्फ प्यार तक ही सीमत नहीं होता,
प्यार में दोस्ती को निभा पाना होना ज़रूरी है !!
कोई भी रिश्ता, फूलों की सेज नहीं होता,
उसमे कुछ सहना, झुक पाना होना ज़रूरी है !!
कोई भी फर्क प्यार से बड़ा हो नहीं सकता ,
रिश्तों में प्यार निभा पाना होना ज़रूरी है!!
सच्चा रूह का साथी तो वही होता है "आशु "
जिस में हकीकत दिखा पाना होना ज़रूरी है !!